पति देगा 10 लाख, दहेज का केस रद्द...
नई दिल्ली।। दहेज प्रताड़ना के एक मामले में दोनों पक्षों में समझौता हो जाने और इसके मुताबिक पत्नी को 10 लाख रुपये देने पर पति के राजी होने के बाद हाई कोर्ट ने इस मामले में दर्ज एफआईआर रद्द करने का निर्देश दिया। अदालत ने आरोपी को बतौर हर्जाना 25 हजार रुपये डिफरेंटली एबल्ड वकीलों के लिए बनाए गए फंड में देने का आदेश भी दिया।इस मामले में आरोपी पति ने हाई कोर्ट में अर्जी देकर कहा कि उसका अपनी पत्नी से समझौता हो चुका है, दोनों में तलाक हो चुका है और पत्नी को इस बात से ऐतराज नहीं है कि केस रद्द कर दिया जाए। इसके लिए पत्नी की ओर से दी गई अंडरटेकिंग भी अदालत में पेश की गई। अदालत को बताया गया कि तलाक के दौरान साढ़े 6 लाख रुपये पत्नी को दिए गए और बाकी साढ़े तीन लाख रुपये अदालत में दिए जा रहे हैं। इस दौरान सरकारी वकील नवीन शर्मा ने दलील दी कि इस मामले में पुलिस का काफी वक्त जाया हुआ है। केस में गवाही चल रही है, ऐसे में अगर इस स्टेज पर केस रद्द किया जाए तो आरोपी पर हर्जाना लगाया जाना चाहिए। इसके बाद अदालत ने आरोपी पर हर्जाना लगाया और निर्देश दिया कि वह 25 हजार रुपये बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के डिसेबल्ड लॉयर्स के फंड में जमा करे।
यह मामला चांदनी महल इलाके का है। 14 जुलाई, 2006 को आरोपी पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और अमानत में खयानत का केस दर्ज किया गया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, यह शादी 21 मई, 2005 को हुई थी। शादी के बाद 3 मार्च, 2006 को लड़की ने बच्ची को जन्म दिया। बाद में पति-पत्नी में अनबन शुरू हो गई और फिर लड़की ने अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया। इस दौरान महिला ने अपने पति और ससुरालियों के खिलाफ घरेलू हिंसा कानून के तहत भी केस दर्ज कराया। बाद में वह अपनी बच्ची को लेकर चली गई। उसने भरण पोषण संबंधी अर्जी भी दाखिल की। इस दौरान पति ने बच्ची की कस्टडी के लिए याचिका दायर की। फिर यह मामला मध्यस्थता केंद्र को रेफर हो गया और तब इनमें समझौता हो गया और दोनों पक्ष केस वापस लेने को राजी हो गए। साथ ही दोनों तलाक लेने को भी राजी हुए। इस दौरान यह तय हुआ कि पति अपनी पत्नी को 10 लाख रुपये देगा। इसी समझौते के तहत पति ने सवा तीन लाख रुपये तलाक के पहले मोशन पर जबकि सवा तीन लाख रुपये दूसरे मोशन पर दिए और बाकी साढ़े तीन लाख रुपये हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पत्नी के हवाले किया।
No comments:
Post a Comment