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तलाकशुदा महिलाएं अपने पूर्व पति का नाम और उपनाम इस्तेमाल न करें: हाई कोर्ट
एक पुलिस इंस्पेक्टर के मामले की सुनवाई करते हुए मुंबई हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसके अनुसार तलाकशुदा महिलाओं द्वारा अपने पूर्व पति का नाम और उपनाम इस्तेमाल न करने को कहा गया है। इस इंस्पेक्टर का अपने विवाह के छह महीने बाद ही तलाक हो गया था। 1996 में यह मामला पारिवारिक अदालत में आया। जिसके बाद पहले बांद्रा पारिवारिक न्यायालय ने और बाद में हाईकोर्ट ने तलाक को मंजूरी दे दी। इसके बाद भी इंस्पेक्टर की तलाकशुदा पत्नी ने जब पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने का हवाला देकर उसके नाम और उपनाम का इस्तेमाल करना जारी रखा, तो इंस्पेक्टर ने बांद्रा फैमिली कोर्ट में याचिका दायर कर इसका विरोध किया।
इस पर पिछले वर्ष मुंबई फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश आर.आर. वाछा ने महिला के तलाकशुदा होने की पुष्टि होने पर उसे अपने पूर्व पति के नाम और उपनाम का इस्तेमाल न करने का आदेश दिया। फैमिली कोर्ट के इसी फैसले को उक्त महिला ने मुंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश रोशन दलवी ने अब फैमिली कोर्ट के फैसले को जायज ठहराते हुए कहा है कि तलाकशुदा महिला अपने पूर्व पति का नाम और उपनाम इस्तेमाल करना न सिर्फ बंद करें बल्कि बैंक खातों में भी इसका उल्लेख करना बंद करे। मुंबई हाईकोर्ट का यह फैसला कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस फैसले के आने के बाद अब भविष्य में बड़े राजनीतिक या औद्योगिक घरानों में विवाह होने के बाद तलाक लेने वाली महिलाओं को अपने पूर्व पति का नाम और उपनाम इस्तेमाल करना बंद करना पड़ सकता है।
तलाकशुदा महिलाएं अपने पूर्व पति का नाम और उपनाम इस्तेमाल न करें: हाई कोर्ट
एक पुलिस इंस्पेक्टर के मामले की सुनवाई करते हुए मुंबई हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसके अनुसार तलाकशुदा महिलाओं द्वारा अपने पूर्व पति का नाम और उपनाम इस्तेमाल न करने को कहा गया है। इस इंस्पेक्टर का अपने विवाह के छह महीने बाद ही तलाक हो गया था। 1996 में यह मामला पारिवारिक अदालत में आया। जिसके बाद पहले बांद्रा पारिवारिक न्यायालय ने और बाद में हाईकोर्ट ने तलाक को मंजूरी दे दी। इसके बाद भी इंस्पेक्टर की तलाकशुदा पत्नी ने जब पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने का हवाला देकर उसके नाम और उपनाम का इस्तेमाल करना जारी रखा, तो इंस्पेक्टर ने बांद्रा फैमिली कोर्ट में याचिका दायर कर इसका विरोध किया।
इस पर पिछले वर्ष मुंबई फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश आर.आर. वाछा ने महिला के तलाकशुदा होने की पुष्टि होने पर उसे अपने पूर्व पति के नाम और उपनाम का इस्तेमाल न करने का आदेश दिया। फैमिली कोर्ट के इसी फैसले को उक्त महिला ने मुंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश रोशन दलवी ने अब फैमिली कोर्ट के फैसले को जायज ठहराते हुए कहा है कि तलाकशुदा महिला अपने पूर्व पति का नाम और उपनाम इस्तेमाल करना न सिर्फ बंद करें बल्कि बैंक खातों में भी इसका उल्लेख करना बंद करे। मुंबई हाईकोर्ट का यह फैसला कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस फैसले के आने के बाद अब भविष्य में बड़े राजनीतिक या औद्योगिक घरानों में विवाह होने के बाद तलाक लेने वाली महिलाओं को अपने पूर्व पति का नाम और उपनाम इस्तेमाल करना बंद करना पड़ सकता है।
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