Om Durgaye Nmh

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Tuesday 17 July 2012

कोई पढ़ेगा मेरे दिल का दर्द ?

भारत देश में ऐसा राष्टपति होना चाहिए जो देश के आम आदमी की बात सुने और भोग-विलास की वस्तुओं का त्याग करने की क्षमता रखता हो. ऐसा ना हो कि देश का पैसा अपनी लम्बी-लम्बी विदेश यात्राओं में खर्च करें. इसका एक छोटा-सा उदाहरण माननीय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जी है. जहाँ पर किसी पत्र का उत्तर देना भी उचित नहीं समझा जाता है. इसके लिए मेरा पत्र ही एक उधारण है |
माननीय राष्ट्रपति जी, मैंने आपको पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु की मांग की थी और पुलिस द्वारा परेशान किये जाने पर भी मैंने आपको पत्र भेजकर मदद करने की मांग की थी. अब लगभग एक साल मेरे भेजे पत्र को हो चुके है. आपके यहाँ से कोई मदद नहीं मिली. क्या अब मैं अपना जीवन अपने हाथों से खत्म कर लूँ. कृपया मुझे जल्दी से जबाब दें.
मैंने जब अपने वकीलों या अनेक व्यक्तियों को अपने केसों के बारें में और अपने व्यवहार के बारे में बताया तब उनका यहीं कहना था कि आपको अपनी पत्नी के इतने अत्याचार नहीं सहन करने चाहिए थें और उसको खूब अच्छी तरह से मारना चाहिए था. लगभग छह महीने पहले आए एक फोन पर मेरी पत्नी का कहना था कि-अगर तुमने कभी मारा होता तो तुम्हारा "घर" बस जाता. क्या मारने से घर बसते हैं ? क्या आज महिलाएं खुद मार खाना चाहती हैं ? क्या कोई महिला बिना मार खाए किसी का घर नहीं बसा सकती है ? इसके साथ एक और बिडम्बना देखें-मेरे ऊपर दहेज के लिए मारने-पीटने के आरोपों के केस दर्ज है और मेरी पत्नी के पास इसके कोई भी सबूत नहीं है. केस दर्ज होने के एक साल बाद मेरी पत्नी ने एक दिन फोन पर कहा था कि ये सब मैंने नहीं लिखवाया ये तो वकील ने लिखवाया है , क्योकि हमारा केस ही आपके खिलाफ दर्ज नहीं हो रहा था. फिर आदमी कहीं पर तो अपना गुस्सा तो निकलेगा. पाठकों आपको शायद मालूम हो हमारे देश में एक पत्नी द्वारा अपने पति और उसके परिजनों के खिलाफ एफ.आई.आर. लिखवाते समय कोई सबूत नहीं माँगा जाता है. इसलिए आज महिलाये दहेज कानून को अपने सुसराल वालों के खिलाफ "हथिहार" के रूप में प्रयोग करती है और मेरी पत्नी तो यहाँ तक कहती है कि मेरे बहन और जीजा आदि को फंसाने के लिए पुलिसे और वकील ने उकसाया था और एक दिन जब मैं अपनी बिमारी की वजह से "पेशी" पर नहीं गया था. तब उन्होंने मेरी पत्नी का "रेप" तक करने की कोशिश की थी. अब आप मेरी पत्नी का क्या-क्या सच मानेंगे. यह आप बताए. मैं यह बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ कि एक दिन झूठे का मुहँ काला होगा और सच्चे का बोलबाला होगा. मगर अभी तो पुलिस ने मेरे खिलाफ "आरोप पत्र" यानि चार्जशीट भी दाखिल नहीं की है. दहेज मांगने के झूठे केसों को निपटाने में लगने वाला "समय" और "धन" क्या मुझे वापिस मिल जायेगा. पिछले दिनों ही दिल्ली की एक निचली अदालत का एक फैसला अखवार में इसी तरह का आया है. उसमें पति को अपने आप को "निर्दोष" साबित करने में "दस" साल लग गए कि उसने या उसके परिवार ने अपनी पत्नी को दहेज के लिए कभी परेशान नहीं किया और ना उसको प्रताडित किया. क्या हमारे देश की पुलिस और न्याय व्यवस्था सभ्य व्यक्तियों को अपराधी बनने के लिए मजबूर नहीं कर रही है ? मैंने ऐसे बहुत उदाहरण देखे है कि जिस घर में पत्नी को कभी मारा पीटा नहीं जाता, उसी घर की पत्नी अपने पति के खिलाफ कानून का सहारा लेती है , जिस घर में हमेशा पति पत्नी को मारता रहता है. वो औरत कभी भी पति के खिलाफ नहीं जाती, क्योकि उसे पता है कि यह अगर अपनी हद पार कर गया तो मेरे सारे परिवार को ख़तम कर देगा , यह समस्या केवल उन पतियों के साथ आती है. जो कुछ ज्यादा ही शरीफ होते है.
जब तक हमारे देश में दहेज विरोधी लड़कों के ऊपर दहेज मांगने के झूठे केस दर्ज होते रहेंगे. तब तक देश में से दहेज प्रथा का अंत सम्भव नहीं है. आज मेरे ऊपर दहेज के झूठे केसों ने मुझे बर्बाद कर दिया. आज तक कोई संस्था मेरी मदद के लिए नहीं आई. सरकार और संस्थाएं दहेज प्रथा के नाम घडयाली आंसू खूब बहाती है, मगर हकीकत में कोई कुछ नहीं करना चाहता है.सिर्फ दिखावे के नाम पर कागजों में खानापूर्ति कर दी जाती है. आप भी अपने विचार यहाँ पर व्यक्त करें. लेखक से becharepati.blogspot.com पर जुड़े .......

4 comments:

  1. isme bahut had tak wastvikta hain. ye such hain ki patniya kanoon ka durupyog kar rahi hai lekin itna nahi jitna ki bataya ja raha hai.. agar desh ki sarkar aisa koi kanoon banati hai jisme patiyo ki pida kam ki ja sake to is bat ki kya gartee hai ki pati us kanoon ka durupyog nahi karega.. vaise har kanoon ka durupyog ho sakta hai kintu agar aisa koi kanoon banta hai to sayad pati patni ki tulna bahut jyada iska durupyog karega... or ek bat sir agar apke hisab se aisa koi kanoon hona chahite to aap ye batane ki kripa kre ki usme aise kya pravdhan kiye jaye ki wo jyada effective bane or kam se kam durupyog ho sake..

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  2. मेरा भी यहीं हाल हैं मेरी पत्नी मुझे प्रताड़ित कर रहीं हैं

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  3. मेरा भी यहीं हाल हैं मेरी पत्नी मुझे प्रताड़ित कर रहीं हैं

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  4. बहुत बहुत धन्यवाद मने आपका पोस्ट पढ़ा मेरे साथ भी ऐसी ही समस्या है कुछ डस्ट पत्निया है जो दुरुपयोग कर रही है मैं भी यही सोचता हूँ की क्या करू आज 6 साल से से परेसान हूँ लेकिन ये सही है की मारना भी जरुरी है मैंने ऐसा कभी नहीं कुया लेकिन आपसे प्रेरित हूँ बिना डरे ही पिटाई करनी चाहिए ऐसी औरतो का नहीं तो जिन्दगी नरक बना देंगी महिदाय आप बताइये आपका क्या हुआ तलाक ही गया की नहीं सुन्दरकाण्ड में सही ही तुलसीदास जी ने लिखा है "ढोल गवार शुद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी" बहुत ही जरुरी है पत्नी के व्यवहार के अनुसार उसके साथ वैसा सलूक करना चाहिए महोदय आप अपने ब्लॉग में इससे सम्बन्धित पोस्ट करते रहिये क्योकि बहुत ऐसे पति है जो बिना वजह परेसान है मेरा भी भी एक ब्लॉग है जहा मैं अपने अनुभव को जरूर पोस्ट करूँगा ब्लॉग है gondclasses.blogspot.com धन्यवाद्

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