पुरुष भी हैं घरेलू हिंसा का शिकार |
Written by भास्कर न्यूज |
Wednesday, 14 October 2009 09:27 |
लुधियाना .
स्वतंत्र आवाज वेलफेयर आग्रेनाइजेशन ने दहेज व घरेलू हिंसा कानून के
दुरुपयोग के मसले उठाए है। आग्रेनाइजेशन के अनुसार पिछले पांच वर्षो के
दौरान देश में दहेज प्रताड़ना के मात्र दो प्रतिशत मामले ही साबित हो पाए
हैं। साफ जाहिर है कि इस कानून का दुरुपयोग रहा है। पुरुष भी घरेलू हिंसा
का शिकार हो रहे हैं, लेकिन विडंबना है कि कानून उनकी इस शिकायत पर गौर
नहीं कर रहा है।
अगर एक महिला अपने पति या ससुरालियों के
खिलाफ थाने में दहेज उत्पीड़न की झूठी शिकायत भी दे देती है, तो पुलिस बिना
जांच उस पूरे परिवार को उठा लाती है। बिना कसूर परिवार को जेल में रहना
पड़ता है। महिला सशक्तिकरण के लिए सरकारें काम कर रही हैं और कानून भी
महिलाओं के हक में बनाए गए हैं, लेकिन दहेज उत्पीड़न में वृद्ध महिलाएं व
अविवाहित लड़कियां भी कष्ट झेलती हैं। ऐसे कई केस हैं जब रंजिशन दर्ज कराए
मामलों में किशोर सदस्यों को भी जेल में धकेल दिया जाता है।
आग्रेनाइजेशन के सदस्य गौरव सैनी के
अनुसार वह संसद को इस बारे में ज्ञापन भेज कर संशोधन के लिए आग्रह करेंगे।
गौरव सैनी के मुताबिक पुलिस ऐसे मामलों को दर्ज करने में कोई जल्दबाजी
दिखाए बिना पूरी जांच के बाद केस दर्ज करे। दफा 498—ए को जमानत योग्य बनाया
जाए। वह पंजाब में करीब 500 परिवारों के केसों का ब्यौरा एकत्रित कर चुके
हैं। उन्होंने पीड़ित परिवारों के लिए हेल्प लाइन भी जारी की है।
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